सोशल मीडिया आज के समय में हर व्यक्ति यूज करता है जो स्मार्टफोन को ठीक-ठाक चला लेता है. उसके लिए सोशल मीडिया सबसे बढ़िया साधन है. मनोरंजन का, इसके अलावा इंफॉर्मेशन लेने का और देने का. और इसी काम को छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी अवनीश कुमार शरण पूरी शिद्दत से करते हैं.
यह अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर हमेशा ही कुछ ना कुछ मोटिवेशनल कहानी शेयर करते रहते हैं. जो लोगों के लिए प्रेरणा बन जाती है. और इनके द्वारा शेयर की गई मोटिवेशनल स्टोरीज पर तरह-तरह के रिएक्शन भी आते हैं, लेकिन इस बार अवनीश कुमार शरण ने किसी और की मोटिवेशन स्टोरी नहीं बल्कि अपनी 10th की मार्कशीट शेयर की है. जो हर किसी के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है.
आईएएस ने शेयर की दसवीं की मार्कशीट :
दरअसल, हाल ही में अवनीश कुमार शरण ने अपनी दसवीं की मार्कशीट ट्विटर पर शेयर की है. जिसके मुताबिक अवनीश शरण को दसवीं कक्षा में 700 में से 314 नंबर आए थे. इसके मुताबिक इनकी थर्ड डिवीजन बनी थी. साल 1996 में दसवीं की परीक्षा पास करने वाले अवनीश चरण वर्तमान समय में एक आईएएस है लेकिन उस समय इनके नंबर काफी कम थे.
जिसका इनके परिवार पर तो असर हुआ था लेकिन यह जानते थे कि वह मेहनत के दम पर कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं. मार्कशीट तो सिर्फ एक कागज का टुकड़ा होती है. अवनीश शरण के द्वारा शेयर की गई बिहार बोर्ड की मार्कशीट पर अभी तक हजारों रिएक्शन आ चुके हैं तो भर भर कर कमेंट भी आ रहे हैं.
नहीं हारी हिम्मत मेहनत के दम पर बने IAS :
साल 1996 में थर्ड डिवीजन से पास होने वाले अवनीश शरण ने कभी भी हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास करने का सपना देखा. जो इन्होंने आगे चलकर पूरा भी किया. अवनीश शरण ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान जी तोड़ मेहनत की थी और उसका फल उन्हें साल 2009 में मिला. इस परीक्षा में इनकी 70 वी रैंक आई थी.
जिसके बाद इन्हें आईएएस का पद मिला था और यहां पहुंचने की कहानी भी खूब संघर्ष भरी रही है. इनका बचपन बेहद गरीबी में बीता था और यह लालटेन में पढ़ाई किया करते थे. यहां तक कि इनकी आर्थिक स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं कि घर वाले फीस देने में भी काफी देर कर देते थे.
लोगों की प्रतिक्रियाएं : अवनीश शरण की इस मार्कशीट पर आम यूजर्स जबरदस्त रिएक्शन दे रहे हैं. कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि यह मार्कशीट उन छात्रों के लिए प्रेरणा है. जो कम नंबरों की वजह से गलत फैसले ले लेते हैं. या इसका स्ट्रेस लेकर बैठ जाते हैं. आपके नंबर कितने भी कम हो अब जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं. एक यूजर ने लिखा कि उसी बैच में मुझे भी काफी कम नंबर मिले थे और उस समय बिहार बोर्ड का रिजल्ट 20% ही रहा था.