पूरे देश में दसवीं बोर्ड के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इन परिणामों में देश के कई सारे बच्चों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन कर दिखाया है और काफी अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। कई सारे बच्चे ऐसे भी हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में कड़ी मेहनत करके खुद को दसवीं बोर्ड में फर्स्ट डिवीजन मे लाकर दिखाया है।
ऐसे ही एक बच्चे की हम आपको कहानी बताने जा रहे हैं जिसने रास्ते पर भीख मांगने और कचरा बिनने जैसा काम किया लेकिन उसके अंदर पढ़ने लिखने का ऐसा जज्बा था कि दसवीं बोर्ड की परीक्षा में उसे फर्स्ट डिवीजन में अंक प्राप्त हुए।
उत्तर प्रदेश के आगरा के सदर इलाके में माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास की एक झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले शेर अली ने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में 63% अंक प्राप्त किए हैं। यह उपलब्धि शेर अली के लिए बहुत बड़ी है क्योंकि जिन परिस्थितियों में रहकर शेर अली ने अपनी पढ़ाई की है
वह परिस्थितियां शायद ही किसी विद्यार्थी के जीवन में होती है। शेर अली जिस झुग्गी बस्ती में रहते हैं वहां पर 40 के आसपास लोग रहते हैं जिनमें से कोई भी शेर अली के जितना पढ़ा लिखा नहीं है। यानी शेर अली झुग्गी बस्ती में पहले ऐसे है जिन्होंने दसवीं की परीक्षा पास की है।
बता दे कि शेर अली झुग्गी बस्ती के अन्य बच्चों की तरह रास्ते पर कचरा बीनने का काम करते हैं और भीख मांग कर अपना गुजारा करते हैं। लेकिन साथ ही साथ वह अपनी पढ़ाई पर भी काफी ध्यान देते हैं। शेर अली को पढ़ाई के अलावा एथलेटिक्स और वेटलिफ्टिंग में भी काफी ज्यादा रुचि है।
इसलिए वे उस दिशा में भी खुद को आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं। अच्छे नंबर से दसवीं के परीक्षा पास करने के बाद अब शेर अली के मन में आत्मविश्वास जगह है कि मैं आगे की पढ़ाई भी कर लेंगे। इसलिए वे अब आगे और पढ़ना चाहते हैं। शेर अली ने इच्छा जाहिर की है कि वे अग्निवीर योजना के माध्यम से सैनिक बन कर देश की सेवा करना चाहते हैं।
उस झुग्गी बस्ती के इलाके में एक सोशल एक्टिविस्ट है जिनका नाम है पारस। वह हमेशा शेर अली के संपर्क में रहते हैं और उनका हाल चाल लेते रहते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने शेर अली को स्टेज परफॉर्मेंस और डांसिंग के तरफ भी मोड़ने का प्रयास किया और शेर अली ने काफी अच्छे से वह सब सीख लिया।
जिसके बाद अब शेर अली कई समारोह में डांस भी परफॉर्म करते दिखाई देते हैं। शेर अली की उपलब्धि ना सिर्फ उनके लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं बल्कि झुग्गी में रहने वाले और भी अन्य बच्चों को प्रोत्साहित करेगी जो रास्ते पर केवल भीख मांगते हैं
और कचरा बीनने का काम करते हैं। ऐसे सभी बच्चों की जिंदगी पीनी सारी चीजों में बीत जाती है उनके सामने पढ़ने लिखने के सभी अवसर बंद हो जाते हैं। इसलिए शेर अली अब उन बच्चों को भी प्रोत्साहन देने लगे हैं।