मिलिए भारत के ड्रोनमैन से जो 600 ड्रोन बना चुका है, इनोवेटिव आईडिया कमाल के

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Prataph Nm: समय-समय पर भारतीय युवाओं की इनोवेटिव सोच सामने आती रहती है. और इस इनोवेटिव आइडिया की बदौलत ही ये लोग अपने टेलेंट का हर किसी को दीवाना बना देते हैं.

अक्सर खबरें आती हैं जिनमें बताया जाता है कभी कोई अपनी इनोवेटिव आइडिया के आधार पर स्कूटर बनाता है तो कोई अपनी मेहनत के दम पर मिट्टी का ही कूलर बना देता है. वही हाल ही में भारत की एक और विकसित तकनीक सामने आई है. जहां एक लड़के ने कचरे से एक दो नहीं बल्कि 600 ड्रोन बना दिए हैं.

इस लड़के को ड्रोनमैन के नाम से भी जाना जाता है. जी हां, कर्नाटक के माड्या से ताल्लुक रखने वाले एनएम प्रताप भी उन्हीं लोगों में शामिल हैं. जिन्होंने अपनी इनोवेटिक सोच के जरिए हर किसी को प्रभावित कर दिया है और वह अब हर तरफ अपने टैलेंट के दम पर चर्चा में बने हुए हैं.

प्रताप की इनोवेटिव सोच कमाल की : मिली जानकारी के अनुसार जब प्रताप की उम्र महज 14 वर्ष थी. उस समय यह इस तरह की टेक्नोलॉजी के साथ खेला करते थे और उस समय ही उन्होंने एक ऐसा ड्रोन बना दिया था. जो कबाड़ से बना था और खास बात थी कि यह डॉन हवा में उड़ सकता था ना सिर्फ उड सकता था बल्कि तस्वीरें भी कैप्चर कर सकता था.

उस समय प्रताप की इस इनोवेटिव सोच की जमकर तारीफ की गई थी. जब उन्होंने इस इनोवेटिव सोच के आधार पर उस ड्रोन को बनाया था. उस समय इनके इस आइडिया को बड़े लेवल पर भी ले जाया गया था और वहां पर इन्हें इंटरनेशनल एक्सपो में सम्मानित भी किया गया था.

इतना ही नहीं अभी तक एनएम प्रताप अपनी इनोवेटिव सोच के आधार पर 600 से अधिक ड्रोन बना चुके हैं. इनके द्वारा बनाए गए ड्रोन का इस्तेमाल कर्नाटक में आपदा के दौरान भी किया गया था.

प्रताप ने अभी तक रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए यूएवी ड्रोन और ऑटोपायलेट का निर्माण किया है. इनके द्वारा बनाये गये ड्रोन कर्नाटक आपदा के दौरान इस्तेमाल किये गए थे. और उन्होंने लोगों के पास सुविधाएं पहुंचाने का काम किया था.

कई जगह हो चुके हैं सम्मानित : एनएम प्रताप अपने इस काम की वजह से कई बार सार्वजनिक मंच पर सम्मानित किए जा चुके हैं. साल 2018 में इन्हें अल्बर्ट आइंस्टीन अवार्ड से सम्मानित किया गया था. वहीं साल 2017 में भी इन्हें इंटरनेशनल रोबोटिक्स प्रदर्शनी में गोल्ड मेडल दिया गया था.

जिसके बाद इन्होंने देश का नाम इंटरनेशनल लेवल पर भी ऊंचा कर दिया था. वहीं वर्तमान समय की बात करें तो यह डीआरडीओ के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.

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