दिल्ली में रोजाना मिलता है एक रुपए में खाना, जरूरतमंदों के लिए है श्याम की रसोई

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भोजन हर शख्स की सबसे अहम जरूरतों में से एक है लेकिन इसी भोजन को प्राप्त करने के लिए हर कोई दिन रात मेहनत करता है. इसके बावजूद भी किसी किसी को दो टाइम की रोटी भी नसीब नहीं हो पाती है. ऐसे बहुत सारे लोग मौजूद हैं. जो दो टाइम की रोटी कमाने के लिए खूब मेहनत करते हैं.

इसके बावजूद भी उनकी यह इच्छाएं पूरी नहीं हो पाती है.. इसके बाद भी उन्हें भूखे पेट सोना पड़ता है लेकिन हमारे देश में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपनी कर्तव्य निष्ठा का पालन करते हैं और ऐसे ही लोगों की मदद के लिए महज एक रुपए में खाना खिलाते हैं.

इन्हीं में से एक हैं दिल्ली में श्याम रसोई चलाने वाले प्रवीण कुमार गोयल. जो पिछले कई वर्षों से 1 रुपए में जरूरतमंदों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं.

महज एक रुपए में मिलता है अच्छा खाना

A N I की एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्याम रसोई के संचालक परवीन कुमार गोयल बताते हैं कि पिछले 2 महीने से वह जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं. रोजाना यह 1000 से लेकर 1100 सौ लोगों को खाना खिलाते हैं और सबसे अच्छी बात यह है इस गाने की कीमत महज एक रुपए होती है.

इतना ही नहीं प्रवीण कुमार गोयल ई रिक्शा की मदद से जरूरतमंद लोगों के लिए खाना पार्सल भी करवाते हैं. यह दिल्ली के कई इलाकों में गरीब लोगों के लिए खाना भिजवाते हैं. इतना ही नहीं श्याम रसोई के सामने रोजाना 11 बजे से लेकर 1 बजे तक तमाम लोगों की भीड़ लगती है.

और इस भीड़ में कई तरह के लोग शामिल होते हैं. ई रिक्शा वाले और ऑटो वाले तो इस खाने को खाते ही हैं. इसके साथ ही आम लोग भी इस खाने को खाते हैं.

लोगों से मिलती है मदद : प्रवीण कुमार गोयल ने A N I से बात करते हुए बताया कि शुरुआती दौर में जब उन्होंने इस काम को शुरू किया था तो अपने ही पैसे खर्च करने पड़ते थे लेकिन अब लोगों को यह काम भी पसंद आता है और ऑनलाइन के साथ ही यहां ऑफलाइन भी हमें पैसा मिलता है.

जिसकी मदद से हम गरीब लोगों की सहायता करते हैं. इतना ही नहीं प्रवीण कुमार ने आगे बताया कि हमारे पास एक बूढ़ी औरत आई थी और उसने हम से कहा कि उसके पास राशन मौजूद है और वह फ्री में राशन देना चाहती है. उन्होंने कहा कि और भी लोग आते हैं.

जो तरह-तरह की चीजें हमें देना चाहते हैं. इतना ही नहीं इस काम को करवाने में प्रवीण गोयल की 3 – 4 हेल्पर भी मदद करते हैं और पास के ही एक कॉलेज के कुछ छात्र भी इस काम को करवाने के लिए आ जाते हैं. छात्रों और हेल्परों की मदद से यह काम परवीन कुमार गोयल के लिए और आसान हो जाता है.

लोगों से मिलती है प्रेरणा : प्रवीण कुमार गोयल बताते हैं कि यह काम करने के बाद उन्हें अच्छा फील होता है. जब वह किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं तो उन्हें लगता है कि आज उन्होंने दुनिया का सबसे अच्छा काम किया है.

इसके साथ ही लोग भी इस काम में उनकी मदद करते हैं. प्रवीण कुमार गोयल का कहना है कि अब हम बड़े लेवल पर लोगों की मदद करना चाहते हैं. और धीरे-धीरे अपने काम को आगे बढ़ा रहे हैं.

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