भारत का एक ऐसा गांव जहां प्याज और लहसुन खाने पर पाबंदी, नियम तोड़ने पर मिलती है सजा

Hindi News

लहसुन प्याज हमारे घरों में इस्तेमाल करना आम बात है. कुछ जगहों पर लहसुन प्याज को पूजा-पाठ के कामों में इस्तेमाल नहीं किया जाता है. वहीं देश के कुछ ऐसे भी गांव हैं. जहां प्याज और लहसुन खाने पर पूरी तरह पाबंदी है. यह लोग लहसुन को धार्मिक कामों में तो इस्तेमाल करते ही नहीं हैं. इसके साथ ही लहसुन और प्याज को यह लोग मांसाहारी भोजन मानते हैं. चलिए आपको इसी गांव के बारे में और विस्तार से जानकारी देते हैं.

बिहार में स्थित है यह गांव : अक्सर हम ने कई गांव के बारे में सुना है. जिसमें से कहा जाता है कि इस गांव के बच्चों के लिए संगीत सीखना कंपलसरी है. वही एक गांव के बारे में कहा गया कि इस गांव का हर बच्चा सेना में जाता है और अब हाल ही में बिहार का यह गांव चर्चा में है.

जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां का कोई भी शख्स प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करता है. हिंदुस्तान की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह गांव बिहार के जहानाबाद जिले में स्थित है और इस गांव का नाम त्रिलोकी बिगहा गांव है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यहां के लोग लहसुन और प्याज बाजार से भी नहीं खरीदते हैं.

और ऐसा इस गांव में सदियों से चला आ रहा है. यहां के स्थानीय लोग बताते हैं कि ऐसा उनके बुजुर्ग भी ये सब नहीं करते थे और अब वह भी इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं.

शराब को भी हाथ नहीं लगाते इस गांव के लोग : इस गांव के बारे में यह भी कहा जाता है कि यहां के लोग लहसुन प्याज को तो हाथ लगाते ही नहीं हैं. इसके साथ ही यहां के लोग शराब से भी कोसों दूर रहते हैं. वहीं इसकी वजह की बात करें तो यहां के लोग मानते हैं कि इस गांव में श्री कृष्ण का मंदिर है

और इसी वजह से यहां के लोग प्याज लहसुन और शराब जैसी चीजों का सेवन नहीं करते हैं. ये लोग गांव को धार्मिक गांव मानते हैं. यहां तक कि गांव के लोग यह भी बताते हैं कि जो लोग इस परंपरा को तोड़ते हैं. उनके साथ कुछ ना कुछ गलत होता है.

यहां के स्थानीय निवासी कहते हैं कि जिन लोगों ने अभी तक इन परंपराओं को तोड़ा है. उनके साथ कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं. इनके बारे में सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है. वही आपको बता दें, इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह ट्रेडिशनल परंपरा इन लोगों पर गांव में ही लागू नहीं होती है.

बल्कि दूसरी जगहों पर भी लागू होती है. कहा जाता है अगर कोई बाहर जाकर इस परंपरा को तोड़ देता है. तब भी उसको गांव के रीति-रिवाजों के अनुसार दंडित किया जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *