IAS Satendra Singh: उस लड़के की आंखों की रोशनी एक गलत इंजेक्शन की वजह से गई थी. उस दौरान इस लड़के के साथ कुछ ऐसी परिस्थितियां बन गई थी. जिनसे बाहर निकलना हर किसी के बस की बात नहीं है. जब उस लड़के की आँखों की रौशनी चली गई तो लोग उसका खूब मजाक उड़ाया करते थे
लेकिन कहते हैं न अगर कोई इन मजाक और तानो को अपना हथियार बना लेता है तो उसके सामने हर लक्ष्य छोटा नजर आता है. ऐसी ही कुछ प्रेरणा देने वाली कहानी है. नेत्रहीन आईएएस सतेंद्र सिंह की. जिनकी एक गलत इंजेक्शन की वजह से सालों पहले आँखों की रोशनी चली गई थी. और अब वह अपनी कठिन महनत के दम पर आईएएस बन चुके है.
बचपन में ही चली गई आंखों की रोशनी :
यूपी के अमरोहा में जन्मे सत्येंद्र सिंह ने एक वेबसाइट से बात करते हुए बताया कि एक गलत इंजेक्शन की वजह से कई सालों पहले उन वह नेत्रहीन हो गए थे. यूं तो सत्येंद्र बचपन से ही आईएएस बनना चाहते थे लेकिन उस समय परिस्थितियां ऐसी बन गई थी.
जिसकी वजह से लोग इन्हें ताने दिया करते थे और इन्हें उस समय काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. इन्होंने इस दुखद घटना के बारे में बात करते हुए बताया कि वह जब वह महज डेढ़ साल के थे तो उनको निमोनिया हो गया था. जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां एक गलत इंजेक्शन की वजह से बचपन में ही उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी. उनके भविष्य पर भी सवाल उठने लगे थे.
मेहनत से दिया है करारा जवाब :
सत्येंद्र सिंह (Satendra Singh) अब आईएएस बनने की तैयारी कर रहे हैं. यूपीएससी 2021 के परिणाम में सतेंद्र सिंह को 370 रैंक प्राप्त हुई है. और इस रैंक के साथ अब ये आईएएस बनेंगे. इनका सालों का सपना अब पूरा होने वाला है. यूं तो सत्येंद्र ने साल 2018 में भी यूपीएससी की परीक्षा दी थी
लेकिन इस परीक्षा में इनकी रैंक 714 आई थी इस रैंक से इन्हें आईपीएस का कैडर मिल रहा था लेकिन यह आईपीएस बनना चाहते नहीं थे. यही वजह है कि उन्होंने फिर से यूपीएससी की तैयारी की और आखिरकार अब आईएस के जितनी रैंक इस परीक्षा में हासिल कर चुके हैं.
वही सत्येंद्र सिंह की शिक्षा के बारे में बात करें तो सत्येंद्र ने जेएनयू से इंटरनेशनल में m.a. किया था. इसके बाद इन्होंने एमफिल और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की और एक कॉलेज में कुछ समय तक बतौर प्रोफेसर भी काम किया. सत्येंद्र सिंह की इस कहानी से प्रेरणा मिलती है कि अगर कोई आदमी अपने जीवन में दृढ़ शक्ति मजबूत कर लेता है. तो वह कुछ भी हासिल कर सकता है.